हैं अभी वक़्त तू थाम ले,भूल दिमाग ज़रा दिल से काम ले।
वो जो मिलता नहीं तुझे ढूंढने से,उस सकुं को पहचान ले।
निकल खुद से कहीं दूर,निकल खुद से कहीं दूर,.
ज़रा खुले आसमां में सांस ले।
बन्द हो गई हैं जो शक़्सियत तेरी इन कमरों-बिल्डिंगों में,
छोड़ कम्प्यूटर-लैपटॉप,ज़रा हवाओं को थाम लें।
इंतज़ार में हैं कहीं तू खुद,खुदी के,,
इंतज़ार में हैं कहीं तू खुद,खुदी के..
निकल राहों पे बेफिक्र उन मंज़िलों को पहचान ले।
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